लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मागो ने नेशनल डिफेंस कालेज के कमांडैंट के तौर पर पद संभाला
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मागो ने नेशनल डिफेंस कालेज के कमांडैंट के तौर पर पद संभाला
चंडीगढ़, 30 नवंबर
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार मागो, वाई.एस.एम., बार टू सेना मैडल ने आज एयर मार्शल डी चौधरी, ए.वी.एस.एम., वी.एम., वी.एस.एम. के सेवामुक्त होने के उपरांत नेशनल डिफेंस कालेज के 34वें कमांडैंट के तौर पर पद संभाल लिया है। कमांडैंट एन.डी.सी. का पद संभालने से पहले वह प्रतिष्ठित 10 कोर की कमांड संभाल रहे थे।
लुधियाना के रहने वाले लेफ्टिनेंट जनरल मागो भारतीय मिलिट्री अकैडमी, देहरादून के पूर्व विद्यार्थी हैं और 15 दिसंबर, 1984 को 7वीं बटालियन ब्रिगेड आफ दा गार्डज़ में शामिल हुए और बाद में 16 गार्डज़ की कमांड संभाली।
36 सालों से अधिक के अपने शानदार मिलिट्री कॅरियर के दौरान जनरल अफ़सर ने चुनौतीपूर्ण माहौल में अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। उन्होंने जम्मू और कश्मीर में लाईन आफ कंट्रोल पर सबसे बड़ी और चुनौतीपूर्ण इंफैंटरी ब्रिगेड और इंफैंटरी डिवीज़न की भी कमांड संभाली।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार मागो डिफेंस सर्विसिज स्टाफ कालेज, वेलिंगटन के पूर्व विद्यार्थी हैं और प्रतिष्ठित हायर कमांड और नेशनल डिफेंस कालेज कोर्सों में शामिल हुए। उन्होंने जम्मू और कश्मीर में एक माउंटेन ब्रिगेड (काउन्टर इनसरजैंसी ऑपरेशनस) के ब्रिगेड मेजर, मिलिट्री ऑपरेशन डायरैक्टोरेट में डायरैक्टर और हैडक्वाटर दक्षिणी कमांड के डिप्टी मिलिट्री सचिव, हैडक्वाटर स्ट्रैटजिक फोर्सिज़ कमांड में प्रिंसिपल डायरैक्टर और एमओडी (आर्मी) के एकीकृत मुख्यालय में डी.जी. ओ.एल. और एस.एम. के तौर पर ऑपरेशनल लॉजिस्टिकस की ज़िम्मेदारी निभाई। इसके अलावा उन्होंने डायरैक्टिंग स्टाफ, सीनियर कमांड विंग, आर्मी वार कालेज, महू और सबसे प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध संस्था काउन्टर इनसरजैंसी एंड जंगल वारफेयर स्कूल के कमांडैंट के तौर पर भी सेवाएं निभाईं।
लेफ्टिनेंट जनरल मागो को उनकी विलक्षण सेवाओं के लिए युद्ध सेवा मैडल और सेना मैडल (दो बार) से सम्मानित किया गया है। जनरल अफ़सर ने सोमालिया (यू.एन.ओ.एस.ओ.ऐम-दो) में संयुक्त राष्ट्र की दो शांति रक्षक असाईनमैंटों में और कांगो (एम.ओ.एन.यू.एस.सी.ओ.) में फोर्स चीफ़ आफ स्टाफ के तौर पर शानदार सेवाएं निभाई जहाँ उनको फोर्स कमांडर (एम.ओ.एन.यू.एस.सी.ओ.) कोमैंडेशन से सम्मानित किया गया।